* मेवाड़ का इतिहास *
भाग - 2
बप्पा रावल से रावल रतनसिंह के बीच में 32 शासक हुए, जिनमें से कुछ इस तरह हैं -
"अल्लट"
* 951 ई. में मेवाड़ के शासक बने
* अल्लट ने आहड़ को राजधानी बनाई व यहाँ वराह मन्दिर का निर्माण करवाया
* अल्लट ने हूण राजकुमारी हरियादेवी से विवाह किया | ये मेवाड़ के पहले शासक थे, जिन्होंने हूण राजकुमारी से विवाह किया |
* अल्लट ने मेवाड़ में सबसे पहले नौकरशाही का गठन किया
* 971 ई. में अल्लट का देहान्त हुआ
"शक्तिकुमार"
* 977 ई. में मेवाड़ के शासक बने
* मालवा के परमार राजा मुंज ने शक्तिकुमार को पराजित कर चित्तौड़ पर अधिकार किया
* मेवाड़ वालों ने कई साल बाद फिर से चित्तौड़ पर अधिकार किया
"सामन्त सिंह"
* 1172 ई. में मेवाड़ के शासक बने
* ये नाडौल के चौहान राजा कीर्तिपाल से पराजित हुए
* सामन्त सिंह ने बागड़ में राज्य स्थापित किया
"कुमार सिंह"
* ये सामन्त सिंह के भाई थे
* 1179 ई. में इन्होंने चौहान राजा कीर्तिपाल को पराजित कर मेवाड़ पर अधिकार किया
"रावल जैत्रसिंह"
1213 ई.
* रावल जैत्रसिंह मेवाड़ के शासक बने
* रावल जैत्रसिंह ने अपने जीवनकाल में दिल्ली के 6 सुल्तानों का शासन देखा व 2 को पराजित किया
* रावल जैत्रसिंह ने दिल्ली के शासक नासिरुद्दीन को पराजित किया
1222 ई.
* दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने नागदा पर आक्रमण किया
इसके आक्रमण 7 वर्षों तक (1229 ई. तक) लगातार जारी रहे व इसने नागदा को नष्ट कर दिया
1227 ई.
* भूताला का युद्ध -
ये युद्ध रावल जैत्रसिंह व इल्तुतमिश के बीच गोगुन्दा के पास हुआ
तलारक्ष योगराज के पुत्र पमराज नागदा नगर नष्ट होने के समय भूताला के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए
रावल जैत्रसिंह पराजित हुए
1229 ई.
* नागदा पर इल्तुतमिश का अन्तिम हमला
1234 ई.
* दोनों सेनाओं के बीच फिर युद्ध हुआ, पर इस बार रावल जैत्रसिंह ने इल्तुतमिश को पराजित किया
1236 ई.
* बीमारी के चलते इल्तुतमिश की मृत्यु हुई और उसकी पुत्री रज़िया सुल्तान दिल्ली के तख्त पर बैठी
1237 ई.
* रावल जैत्रसिंह ने सुल्तान बलबन को पराजित किया
(ये बात कुछ ख्यातों में गलत दर्ज कर ली गई, क्योंकि इस वक्त दिल्ली पर रज़िया सुल्तान का राज था, जबकि बलबन तो रावल जैत्रसिंह के देहान्त के बाद दिल्ली के तख्त पर बैठा)
1253 ई.
* रावल जैत्रसिंह का देहान्त
"रावल तेजसिंह"
* 1253 ई. में मेवाड़ के शासक बने
* 1273 ई. में इनका देहान्त हुआ
"रावल समरसिंह"
* 1273 ई. में मेवाड़ के शासक बने
* रावल समरसिंह के 2 पुत्र हुए - रतनसिंह व कुम्भकर्ण
* कुम्भकर्ण नेपाल चले गए | नेपाल का राजवंश यहीं से निकला | नेपाल के शासकों ने "राणा" की उपाधि धारण की |
* 1302 ई. में रावल समरसिंह का देहान्त हुआ व इनके पुत्र रावल रतनसिंह मेवाड़ के शासक बने
भाग - 2
बप्पा रावल से रावल रतनसिंह के बीच में 32 शासक हुए, जिनमें से कुछ इस तरह हैं -
"अल्लट"
* 951 ई. में मेवाड़ के शासक बने
* अल्लट ने आहड़ को राजधानी बनाई व यहाँ वराह मन्दिर का निर्माण करवाया
* अल्लट ने हूण राजकुमारी हरियादेवी से विवाह किया | ये मेवाड़ के पहले शासक थे, जिन्होंने हूण राजकुमारी से विवाह किया |
* अल्लट ने मेवाड़ में सबसे पहले नौकरशाही का गठन किया
* 971 ई. में अल्लट का देहान्त हुआ
"शक्तिकुमार"
* 977 ई. में मेवाड़ के शासक बने
* मालवा के परमार राजा मुंज ने शक्तिकुमार को पराजित कर चित्तौड़ पर अधिकार किया
* मेवाड़ वालों ने कई साल बाद फिर से चित्तौड़ पर अधिकार किया
"सामन्त सिंह"
* 1172 ई. में मेवाड़ के शासक बने
* ये नाडौल के चौहान राजा कीर्तिपाल से पराजित हुए
* सामन्त सिंह ने बागड़ में राज्य स्थापित किया
"कुमार सिंह"
* ये सामन्त सिंह के भाई थे
* 1179 ई. में इन्होंने चौहान राजा कीर्तिपाल को पराजित कर मेवाड़ पर अधिकार किया
"रावल जैत्रसिंह"
1213 ई.
* रावल जैत्रसिंह मेवाड़ के शासक बने
* रावल जैत्रसिंह ने अपने जीवनकाल में दिल्ली के 6 सुल्तानों का शासन देखा व 2 को पराजित किया
* रावल जैत्रसिंह ने दिल्ली के शासक नासिरुद्दीन को पराजित किया
1222 ई.
* दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने नागदा पर आक्रमण किया
इसके आक्रमण 7 वर्षों तक (1229 ई. तक) लगातार जारी रहे व इसने नागदा को नष्ट कर दिया
1227 ई.
* भूताला का युद्ध -
ये युद्ध रावल जैत्रसिंह व इल्तुतमिश के बीच गोगुन्दा के पास हुआ
तलारक्ष योगराज के पुत्र पमराज नागदा नगर नष्ट होने के समय भूताला के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए
रावल जैत्रसिंह पराजित हुए
1229 ई.
* नागदा पर इल्तुतमिश का अन्तिम हमला
1234 ई.
* दोनों सेनाओं के बीच फिर युद्ध हुआ, पर इस बार रावल जैत्रसिंह ने इल्तुतमिश को पराजित किया
1236 ई.
* बीमारी के चलते इल्तुतमिश की मृत्यु हुई और उसकी पुत्री रज़िया सुल्तान दिल्ली के तख्त पर बैठी
1237 ई.
* रावल जैत्रसिंह ने सुल्तान बलबन को पराजित किया
(ये बात कुछ ख्यातों में गलत दर्ज कर ली गई, क्योंकि इस वक्त दिल्ली पर रज़िया सुल्तान का राज था, जबकि बलबन तो रावल जैत्रसिंह के देहान्त के बाद दिल्ली के तख्त पर बैठा)
1253 ई.
* रावल जैत्रसिंह का देहान्त
"रावल तेजसिंह"
* 1253 ई. में मेवाड़ के शासक बने
* 1273 ई. में इनका देहान्त हुआ
"रावल समरसिंह"
* 1273 ई. में मेवाड़ के शासक बने
* रावल समरसिंह के 2 पुत्र हुए - रतनसिंह व कुम्भकर्ण
* कुम्भकर्ण नेपाल चले गए | नेपाल का राजवंश यहीं से निकला | नेपाल के शासकों ने "राणा" की उपाधि धारण की |
* 1302 ई. में रावल समरसिंह का देहान्त हुआ व इनके पुत्र रावल रतनसिंह मेवाड़ के शासक बने
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